साल 2020 में भारत सरकार ने बिजली नियम, संशोधन को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय विद्युत मंत्री और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने इस संशोधन को जारी करते हुए कहां है कि यह संशोधन लोगों को बिजली के कनेक्शन को प्राप्त करने में लगने वाले समय को काम करेगा और साथ ही साथ लोगों के छत के ऊपर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया को आसान बनाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने बताया है कि संशोधन, जो लोग बहुमंजिला फ्लैट में रहते हैं उनको अपना कनेक्शन चुनने का सुविधा प्रदान करता है।आवासीय सोसायटियों में कॉमन एरिया और बैक-अप जनरेटर के लिए अलग बिलिंग की सुविधा प्रदान की गई है, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगा। संशोधनों में उपभोक्ताओं की शिकायतों के मामले में बिजली की खपत को जांचने के लिए वितरण कंपनी द्वारा चेक मीटर लगाए जाने का भी प्रावधान है। ऐसे में हमें से कई लोग Solar and EV के लिए New Electricity Rules संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं,
तो आईए हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आसान और तेज़ इंस्टॉलेशन Rooftop Solar Systems,Electric Vehicle Charging Stations के लिए अलग कनेक्शन, नया कनेक्शन या मौजूदा कनेक्शन का संशोधन (New Connections and Modification of Existing Connections) आवासीय कॉलोनियों और फ्लैटों में उपभोक्ताओं के लिए अतिरिक्त अधिकार (Additional Rights for Consumers in Residential Colonies and Flats), शिकायतों के मामलों में अनिवार्य अतिरिक्त मीटर (Mandatory Additional Meter in cases of Complaints), मीटर टेस्टिंग (Meter Testing), सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना (Ensuring Accuracy and Transparency) विद्युत उत्पादक के रूप में उपभोक्ता (Consumers As Power Generators) संबंधित जानकारी विस्तार पूर्वक प्रदान कर रहे हैं इसलिए आप लोग इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
आसान और तेज़ इंस्टॉलेशन (Rooftop Solar Systems)
ग्राहकों के परिसर में रूफटॉप सोलर पीवी सिस्टम को स्थापित करने की प्रक्रिया को आसान और तेज स्थापना के सुविधा के लिए नियमों में संशोधन किया गया है।
बिजली नियम के संशोधन में 10 किलोवाट क्षमता तक की प्रणालियों के लिए तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन से छूट दी गई है।10 किलोवाट से अधिक क्षमता की प्रणालियों के लिए, व्यवहार्यता अध्ययन को पूरा करने की समयसीमा जो को बीस दिन था उसे घटाकर पंद्रह दिन कर दिया गया है। इसके अलावा, यदि अध्ययन निर्धारित किए गए समय में पूरा नहीं होता है, तो अनुमोदन प्रदान किया गया, माना जाएगा। इसके अतिरिक्त, इस संशोधन में अब यह अनिवार्य कर दिया गया है कि 5 किलोवाट क्षमता तक सौर पीवी प्रणालियों को छत पर के लिए आवश्यक वितरण प्रणाली को मजबूत करने का कार्य वितरण कंपनी द्वारा अपनी लागत पर किया जाएगा।
इसके अलावा, वितरण लाइसेंसधारकों के लिए रूफटॉप सोलर पीवी सिस्टम चालू करने की समयसीमा 30 दिन के जगह 15 दिन कर दी गई है।
Electric Vehicle Charging Stations के लिए अलग कनेक्शन
इस संशोधन में उपभोक्ता अब अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को चार्ज करने के लिए अलग से बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकेंगे। इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनो को बिजली प्रदान करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतो और ऊर्जा भंडार का उपयोग करने से ग्रीनहाउस गैस का उपयोग कम करना और परिवहन के क्षेत्र में सभी स्थिरता में सुधार करना संभव हो जाता है। इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन यह देश को वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो के लक्ष्य को हासिल करने के अनुरूप है।
नया कनेक्शन या मौजूदा कनेक्शन का संशोधन (New connections and Modification of Existing Connections)
इस संशोधन के नियमों के तहत महानगरीय क्षेत्र में नया बिजली कनेक्शन प्राप्त करने में लगने वाली समयावधि सात दिन से घटाकर तीन दिन एवं अन्य नगर निगम क्षेत्रों में पंद्रह दिन से घटाकर सात दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में तीस दिन से घटाकर पंद्रह दिन कर दी गई है। हालांकि, पहाड़ी इलाकों वाले ग्रामीण क्षेत्रों में नए कनेक्शन या मौजूदा कनेक्शन में संशोधन के लिए समयावधि तीस दिन ही रहेगी।
आवासीय कॉलोनियों और फ्लैटों में उपभोक्ताओं के लिए अतिरिक्त अधिकार (Additional Rights for Consumers in Residential Colonies and Flats)
बिजली नियम संशोधन में क्षउपभोक्ताओं को चुनने की सुविधा देने और मीटरिंग एवं बिलिंग में अधिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए प्रावधान पेश किए गए हैं।
बहु मंजिला इमारतों ,सहकारी समूह हाउसिंग सोसाइटियों, आवासीय कॉलोनियों आदि में रहने वाले मालिकों के पास अब वितरण लाइसेंसधारकों के पास या तो सभी के लिए व्यक्तिगत कनेक्शन या पूरे परिसर के लिए एकल-बिंदु कनेक्शन चुनने का विकल्प होगा। इस विकल्प का प्रयोग वितरण कंपनी द्वारा किए जाने वाले पारदर्शी मतदान पर आधारित होगा। एकल-बिंदु कनेक्शन के माध्यम से बिजली की आपूर्ति पाने वाले उपभोक्ताओं और व्यक्तिगत कनेक्शन का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं से लिए जाने वाले टैरिफ में भी समानता लाई गई है।
मीटरिंग, बिलिंग और संग्रहण अलग से किया जाएगा:-
(i) वितरण लाइसेंसधारक से प्राप्त व्यक्तिगत बिजली की खपत,
(ii) आवासीय संघ द्वारा आपूर्ति की गई बैकअप बिजली की व्यक्तिगत खपत, और
(iii) ऐसे आवासीय संघों के कॉमन एरिया के लिए बिजली की खपत, जो वितरण लाइसेंसधारक से प्राप्त की जाती है।
शिकायतों के मामलों में अनिवार्य अतिरिक्त मीटर (Mandatory Additional Meter in Cases of Complaints)
जब उपभोक्ता मीटर रीडिंग के उनकी वास्तविक बिजली खपत के अनुरूप नहीं होने की शिकायत करते हैं तो ऐसे मामलों में अतिरिक्त मीटर की सुविधा प्रदान की जाती है यह अतिरिक्त मीटर वितरण लाइसेंस धारा को अब शिकायत मिलने की तिथि से 5 दिन के भीतर स्थापित करना आवश्यक होगा। इस अतिरिक्त मीटर का उपयोग न्यूनतम तीन महीने की अवधि के लिए खपत को जांचने के लिए किया जाएगा, इस प्रकार उपभोक्ताओं को आश्वस्त किया जाएगा और बिलिंग में सटीकता सुनिश्चित की जाएगी।
विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं का हित सरकार के लिए सर्वोपरि है। इसी उद्देश्य से सरकार ने 31 दिसंबर, 2020 को बिजली (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 जारी किए, इस प्रकार पूरे भारत में विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए मानक निर्धारित किए गए। इन नियमों में बिलिंग, शिकायतें, मुआवजा और नए कनेक्शन की समयसीमा जैसे पहलू शामिल हैं। ये नियम प्रोज्यूमर (ऐसे व्यक्ति जो उपभोग और उत्पादन दोनों करते हैं) द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लिए भी सहायता प्रदान करते हैं। विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्तमान संशोधन उपभोक्ताओं को और सशक्त बनाएंगे।
दिसंबर 2020 में नियमों की अधिसूचनाएं और 22 फरवरी, 2024 को जारी वर्तमान संशोधनों समेत सभी संशोधनों को नीचे देखा जा सकता है।
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मीटर टेस्टिंग (Meter Testing)
मीटर परीक्षण के लिए एक विशिष्ट समय अवधि स्थापित करते है। वितरण कंपनियों को आयोग के द्वारा निर्धारित अवधि के अंतर्गत इन परीक्षणों को पूर्ण करने के लिए बाध्य किया जाता है। यह अवधि उस समय से 30 दिन अधिकतम होना चाहिए जब उपभोक्ताओं के द्वारा वितरण कंपनी को मीटर से संबंधित शिकायत प्राप्त हो।
यदि उपभोक्ता को उनके मीटर रीडिंग और वास्तविक बिजली उपयोग के बीच अंतर पाया जाता है तो वह रिपोर्ट करते हैं। शिकायत करने के बाद वितरण कंपनियां को 3 दिन के अंदर एक अतिरिक्त मीटर स्थापित करना आवश्यक होता है। इस अतिरिक्त मीटर को आयोग द्वारा निर्धारित समय के लिए खपत को मान्य करने के लिए लगाया जाता है, जो 3 महीने से काम नहीं होनी चाहिए।
सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना (Ensuring Accuracy and Transparency)
इन प्रस्तावित परिवर्तनों का उद्देश्य भारत में बिजली वितरण क्षेत्र में पारदर्शिता, दक्षता और उपभोक्ता-अनुकूल प्रथाओं को पेश करना है। टिप्पणी अवधि के दौरान, हितधारकों और जनता को अपने बहुमूल्य इनपुट साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। यह भागीदारी उन नियमों के निर्माण को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगी जिनका भारत के बिजली वितरण परिदृश्य के भविष्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
विद्युत उत्पादक के रूप में उपभोक्ता (Consumers As Power Generators)
एक निर्धारित अवधि के अंतर्गत वितरण कंपनी को छत पर सौर परियोजनाओं के लिए तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन करने की आवश्यकता होती है, जिसे 15 दिन से अधिक नहीं बढ़ना चाहिए। यह ध्यान रखना अति महत्वपूर्ण है कि 10 किलो वाट के क्षमता वाला सौर प्रणाली को छत पर स्थापना को अनिवार्य तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन से छूट दी गई है।
यदि तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन निर्दिष्ट क्षमता सीमा के अंतर्गत छत पर सौर प्रतिष्ठानों के लिए वितरण ट्रांसफार्मर जैसे वितरण बुनियादी ढांचे में सुधार करने की आवश्यकता का सुझाव देते हैं, तो वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की आवश्यकता होती है, और संबंधित लागत को उनके राजस्व में शामिल किया जाना चाहिए। ऐसे मामलों में जहां तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन के परिणाम आवेदक को निर्धारित समय सीमा के भीतर नहीं बताए जाते हैं, यह माना जाना चाहिए कि प्रस्ताव तकनीकी रूप से व्यवहार्य माना जाता है।
उपभोक्ता को सौर प्रणाली स्थापित हो जाने के बाद वितरण कंपनी (डिस्कॉम) को स्थापना प्रमाणपत्र जमा करना आवश्यक होता है। इसके बाद, डिस्कॉम कनेक्शन समझौते को पूरा करने, मीटर स्थापित करने और स्थापना प्रमाण पत्र प्राप्त होने के पंद्रह दिनों के भीतर सौर प्रणाली की सफल कमीशनिंग सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है।
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Conclusion:
उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल आप लोगों को काफी पसंद आया होगा ऐसे में आप हमारे आर्टिकल संबंधित कोई प्रश्न सुझाव है तो आप लोग हमारे कमेंट्स बॉक्स में आकर अपने प्रश्नों को पूछ सकते हैं हम आपका प्रश्नों का जवाब जरूर देंगे।
FAQ’s:
Q. बिजली नियम संशोधन को कब मंजूरी दिया गया था?
Ans.बिजली नियम संशोधन को साल 2020 में मंजूरी दिया गया था।
Q.इस संशोधन नियम के तहत महानगरीय क्षेत्र में नया बिजली कनेक्शन प्राप्त करने का समयअवधि क्या कर दिया गया है?
Ans.इस संशोधन नियम के तहत महानगरी क्षेत्र में नया बिजली कनेक्शन प्राप्त करने का समय अवधि 7 दिन से घटकर 3 दिन तक कर दिया गया है।
Q. बिजली नियम संशोधन को किसने जारी किया?
Ans.बिजली नियम संशोधन को नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने जारी किया।