धनतेरस, जिसे ‘धनत्रयोदशी’ के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के पांच दिवसीय दीपावली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना से जुड़ा हुआ है। धनतेरस पर लोग विशेष रूप से बर्तन, सोना, चांदी, और नए सामान खरीदते हैं, क्योंकि इसे धन और लक्ष्मी का आह्वान करने वाला दिन माना जाता है। इस लेख में, हम धनतेरस 2024 की तिथि, पूजा विधि, कथा, और इस पर्व से जुड़ी हर जानकारी पर चर्चा करेंगे।
धनतेरस 2024 की तिथि शुभ पूजा मुहूर्त और नियम | Dhanteras Puja Muhurat Aur Niyam
धनतेरस 2024 में 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन को ‘धन त्रयोदशी’ कहा जाता है, क्योंकि यह कार्तिक माह की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है।
धनतेरस 2024 शुभ मुहूर्त:
- पूजा का समय: 29 अक्टूबर 2024 को शाम 06:30 से रात 08:12 तक
- प्रदोष काल: शाम 06:46 से रात 08:22 तक
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 29 अक्टूबर 2024, सुबह 11:30 बजे
- त्रयोदशी तिथि समाप्त: 30 अक्टूबर 2024, मध्यरात्रि 01:15 बजे
- धनतेरस खरीदारी का शुभ मुहूर्त : 29 अक्टूबर 2024 को शाम 06:46 से रात 08:22 तक
धनतेरस पूजा कैसे की जाती है (Dhanteras Ki Puja Kaise Ki Jaati Hai)
धनतेरस पर घर में धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए विशेष पूजा की जाती है। इस दिन की पूजा में मुख्य रूप से भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी और कुबेर देवता की आराधना की जाती है। पूजा करने से पहले घर की साफ-सफाई कर ली जाती है ताकि लक्ष्मी माता का स्वागत सही तरीके से किया जा सके। इस दिन पूजा की विधि निम्नलिखित है:
धनतेरस पूजा विधि (Dhanteras Puja Vidhi)
- साफ-सफाई और तैयारी: धनतेरस से पहले घर की अच्छे से साफ-सफाई करें और पूजा स्थल को फूलों, दीपकों और रंगोली से सजाएं। घर के मुख्य द्वार पर भी रंगोली और दीप जलाएं।
- स्नान और नए वस्त्र: धनतेरस के दिन प्रातः स्नान कर साफ और नए कपड़े पहनें। इससे शुद्धता का प्रतीक माना जाता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- पूजा का प्रारंभ: प्रदोष काल (शाम के समय) में पूजा स्थल पर भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी, और कुबेर देवता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- दीप जलाएं: एक तेल या घी का दीया जलाएं और पूजा स्थल को प्रकाशित करें। यह दीपक समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है।
- पंचोपचार पूजा: भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पंचोपचार विधि से पूजा करें, जिसमें पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य (मिठाई), और जल अर्पण करें।
- धन्वंतरि और लक्ष्मी मंत्र का जाप करें: पूजा करते समय धन्वंतरि और लक्ष्मी माता के मंत्रों का जाप करें। इससे घर में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की वृद्धि होती है।
- दीपदान: घर के हर कोने में और मुख्य द्वार पर दीप जलाएं। इसे घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रतीक माना जाता है।
- विशेष प्रसाद: धनतेरस पर प्रसाद में मिठाई, खीर, और फल चढ़ाएं। प्रसाद को परिवार के सदस्यों के साथ साझा करें।
- कुबेर देवता की पूजा: धन और संपत्ति के देवता कुबेर की पूजा करना भी धनतेरस का एक महत्वपूर्ण अंग है। कुबेर के सामने धूप, दीप और फूल चढ़ाएं।
धनतेरस पूजा विधि मंत्र | Dhanteras Puja Mantra
भगवान धन्वंतरि मंत्र:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय धन्वंतरये अमृतकलश हस्ताय
सर्वामय विनाशनाय त्रिलोक्यनाथाय श्री महाविष्णवे नमः।
इस मंत्र का जाप करने से भगवान धन्वंतरि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है।
देवी लक्ष्मी मंत्र:
ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नी च धीमहि।
तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात्।।
लक्ष्मी मंत्र का जाप करने से घर में धन, सुख और शांति का वास होता है।
कुबेर देवता मंत्र:
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।
कुबेर देवता की कृपा से धन और संपत्ति में वृद्धि होती है।
धनतेरस से जुड़ी पौराणिक कथा:
धनतेरस की एक प्राचीन पौराणिक कथा है जो भगवान धन्वंतरि से जुड़ी है। माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान, जब देवताओं और असुरों ने अमृत की प्राप्ति के लिए मंथन किया, तो भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए। धन्वंतरि वैद्यक शास्त्र के देवता माने जाते हैं और धनतेरस का पर्व उन्हीं की याद में मनाया जाता है। इस कथा के अनुसार, धनतेरस पर धन्वंतरि की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की वृद्धि होती है।
धनतेरस पर क्या खरीदें और क्यों:
धनतेरस के दिन खरीदारी का विशेष महत्व है। इस दिन की गई खरीदारी को पूरे साल की सुख-समृद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। आइए जानते हैं कि इस दिन क्या खरीदना शुभ माना जाता है:
- धातु के बर्तन: धनतेरस पर पीतल या चांदी के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। इसे घर में लक्ष्मी का आगमन और समृद्धि का संकेत माना जाता है।
- सोना और चांदी: धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदने की परंपरा भी है। यह समृद्धि का प्रतीक है और इसे भविष्य के लिए निवेश के रूप में भी देखा जाता है।
- गृह उपकरण: आधुनिक समय में लोग धनतेरस पर इलेक्ट्रॉनिक्स और गृह उपकरण भी खरीदते हैं, ताकि उनके घर की सुख-सुविधाओं में वृद्धि हो।
- धन्वंतरि और लक्ष्मी की मूर्तियाँ: इस दिन भगवान धन्वंतरि और लक्ष्मी माता की मूर्तियों को खरीदना शुभ माना जाता है। इसे घर में सुख, समृद्धि और शांति लाने का उपाय माना जाता है।
- आभूषण: स्वर्ण आभूषण खरीदना भी धनतेरस के दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे लक्ष्मी प्राप्ति और धनवृद्धि का संकेत माना जाता है।
धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए | Dhanteras Par Kya Kharidna Chahiye
धनतेरस पर खरीदारी का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इस दिन की गई खरीदारी को शुभ और लक्ष्मी प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है। आइए जानते हैं धनतेरस पर क्या-क्या खरीदना चाहिए:
- सोना और चांदी: धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे घर में लक्ष्मी का आगमन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
- धातु के बर्तन: धनतेरस पर पीतल, चांदी या स्टील के बर्तन खरीदने से घर में सुख-समृद्धि और संपत्ति की वृद्धि होती है।
- गृह उपकरण: आजकल लोग धनतेरस के दिन घरेलू उपकरण जैसे मिक्सर, टीवी, फ्रिज आदि भी खरीदते हैं। इसे घर में सुविधा और समृद्धि लाने का प्रतीक माना जाता है।
- लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियाँ: इस दिन लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्तियाँ खरीदना शुभ होता है। लक्ष्मी जी की मूर्ति को घर में रखने से धन और संपत्ति में वृद्धि होती है।
- आभूषण: स्वर्ण आभूषण खरीदना भी धनतेरस के दिन शुभ माना जाता है। इसे भविष्य के लिए एक अच्छा निवेश भी माना जाता है।
- नई गाड़ी: धनतेरस पर वाहन खरीदने की भी परंपरा है। इसे समृद्धि और जीवन में प्रगति का प्रतीक माना जाता है।
धनतेरस पर इन वस्तुओं की खरीदारी करने से सालभर घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
धनतेरस से जुड़ी मान्यताएं और परंपराएं:
धनतेरस से कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं जुड़ी हैं जो इस पर्व को और भी खास बनाती हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख परंपराओं के बारे में:
- दीप जलाने की परंपरा: धनतेरस पर घर के द्वार पर 13 दीपक जलाने की परंपरा है। इसे घर से अंधकार और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का प्रतीक माना जाता है।
- धन्वंतरि पूजा: इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, क्योंकि वे आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता माने जाते हैं। धन्वंतरि की पूजा से व्यक्ति को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
- धनतेरस पर घर की सजावट: इस दिन घर को फूलों और रंगोली से सजाना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इससे लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं और घर में समृद्धि का वास होता है।
- रोग-निवारण का पर्व: धनतेरस स्वास्थ्य और चिकित्सा के देवता धन्वंतरि से जुड़ा हुआ है। इस दिन को स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है।
धनतेरस 2024 के लिए विशेष उपाय:
धनतेरस के दिन कुछ खास उपाय किए जाते हैं जो घर में सुख-समृद्धि, धन, और शांति लाने में सहायक होते हैं।
- शुभ मुहूर्त में दीया जलाएं: प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीप जलाएं। इसे घर में धन का वास और लक्ष्मी प्राप्ति का संकेत माना जाता है।
- घर के कोने-कोने में दीप जलाएं: इस दिन हर कोने में दीप जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- लक्ष्मी की प्रतिमा को घर लाएं: धनतेरस के दिन लक्ष्मी माता की मूर्ति को घर लाना अत्यंत शुभ होता है। इससे घर में समृद्धि और शांति बनी रहती है।
- धनतेरस पर व्रत: कई लोग धनतेरस के दिन व्रत रखते हैं और दिनभर केवल फलाहार करते हैं। यह व्रत लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है।
निष्कर्ष:
धनतेरस 2024 का पर्व धन, स्वास्थ्य, और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन सही ढंग से पूजा करने, दीप जलाने, और शुभ वस्तुओं की खरीदारी करने से लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस पर्व का हर एक पहलू समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक है। आप भी इस धनतेरस पर लक्ष्मी माता और धन्वंतरि की पूजा करके अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का स्वागत करें।