
डॉ भीमराव अम्बेडकर के विचार और नारे: Bhimrao Ambedkar Quotes & Slogans: डॉक्टर भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar), भारतीय समाज के एक अद्वितीय विचारक, संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक, ने अपने जीवन में अनेक प्रेरणादायक विचार और नारे दिए हैं। उनका जीवन संघर्ष और समर्पण की एक अद्भुत कहानी है, जिसने न केवल भारतीय समाज को प्रभावित किया, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए एक मार्गदर्शक का कार्य किया।
अंबेडकर जी ने जातिवाद, असमानता और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और एक ऐसे समाज की परिकल्पना की, जहाँ सभी को समान अधिकार और अवसर मिलें। उनके विचारों ने न केवल दलितों और पिछड़े वर्गों को जागरूक किया, बल्कि समस्त समाज को एक नई दिशा दी। अंबेडकर जी के द्वारा दिए गए नारे और विचार आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। “शिक्षा, संगठन और संघर्ष” का उनका मंत्र आज भी युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। इस लेख में हम अंबेडकर जी के कुछ प्रसिद्ध नारों और उनके विचारों पर चर्चा करेंगे, जो न केवल हमें अपने अधिकारों के प्रति सजग करते हैं, बल्कि हमें एक सशक्त और समान समाज की दिशा में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करते हैं।
आइए, हम अंबेडकर जी के विचारों की गहराई में उतरें और समझें कि कैसे उनके सिद्धांत आज भी हमारे जीवन में प्रासंगिक हैं। उनके विचारों से प्रेरित होकर हम एक बेहतर समाज की ओर कदम बढ़ा सकते हैं…..
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डॉ भीमराव अंबेडकर कौन हैं? | Dr. Bhimrao Ambedkar kaun hain?
डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) (1891-1956) भारत के महान समाज सुधारक, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ थे। उन्हें भारतीय संविधान के निर्माता और दलितों के मसीहा के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। समाज में व्याप्त छुआछूत और जातिवाद के विरुद्ध उन्होंने आजीवन संघर्ष किया। अंबेडकर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से उच्च शिक्षा प्राप्त की। वे स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री बने और भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने सामाजिक समानता, शिक्षा और अधिकारों के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया।
1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया और लाखों अनुयायियों को भी इसके प्रति प्रेरित किया। उनका योगदान भारतीय समाज में समानता, न्याय और अधिकारों की स्थापना में अविस्मरणीय है। उनकी जयंती 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाई जाती है।
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डॉ भीमराव अंबेडकर के कोट्स | Dr. Bhimrao Ambedkar ke quotes
1. “जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए।”
2. “हम सबसे पहले और अंत में भारतीय हैं।”
3. “शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो इसे पिएगा, वह गरजेगा।”
4. “मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाए।”
5. “अगर हमें एक संयुक्त राष्ट्र बनना है, तो हमें एक ही भावना से प्रेरित होना चाहिए – भाईचारे की भावना।”
6. “मनुष्य नश्वर है, वैसे ही विचार भी नश्वर हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत होती है, जैसे कि एक पौधे को पानी की। नहीं तो दोनों मुरझा जाते हैं।”
7. “किसी का भी शोषण न करें और अपने अधिकारों को कभी न छोड़ें।”
8. “संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं, यह जीवन का एक माध्यम है।”
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डॉ भीमराव अंबेडकर के नारे | Dr. Bhimrao Ambedkar ke naare
1. शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो
2. अपने भाग्य के बजाए अपनी मज़बूती पर विश्वास करो
3. मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है
4. जो धर्म स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है, वही सच्चा धर्म है
5. छीने हुए अधिकार भीख में नहीं मिलते, अधिकार वसूल करना होता है
6. जो कौम अपना इतिहास नहीं जानती है, वह कौम कभी अपना इतिहास नहीं बना सकती
7. जीवन, लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए
8. शिक्षा वो शेरनी है जो इसका दूध पिएगा तो दहाड़ेगा
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Conclusion:-Bhimrao Ambedkar Quotes & Slogans
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FAQ’s:-Bhimrao Ambedkar Quotes & Slogans
Q. डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
Ans. डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था।
Q. डॉ. भीमराव अंबेडकर को किस उपाधि से जाना जाता है?
Ans. उन्हें “भारतीय संविधान के निर्माता” और “दलितों के मसीहा” के रूप में जाना जाता है।
Q. अंबेडकर ने उच्च शिक्षा कहाँ से प्राप्त की थी?
Ans. उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी।
Q. डॉ. अंबेडकर ने कौन-सा धर्म अपनाया था और कब?
Ans. उन्होंने 1956 में बौद्ध धर्म अपनाया और लाखों अनुयायियों को भी प्रेरित किया।
Q. डॉ. भीमराव अंबेडकर भारत की पहली सरकार में कौन-से पद पर थे?
Ans. वे स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री थे।
Q. डॉ. अंबेडकर द्वारा दिया गया प्रसिद्ध नारा क्या है?
Ans. उनका प्रसिद्ध नारा है – “शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।”