विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा, भुखमरी और कुपोषण के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा 1945 में की गई थी, और तब से यह एक प्रमुख वैश्विक आयोजन बन गया है। विश्व खाद्य दिवस 2024 के अवसर पर, यह जरूरी हो जाता है कि हम खाद्य सुरक्षा के महत्व और इस क्षेत्र में हो रही प्रगति को समझें।
विश्व खाद्य दिवस का इतिहास और महत्व
विश्व खाद्य दिवस की स्थापना FAO के गठन के दिन को चिह्नित करने के लिए की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक खाद्य सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाना और इस दिशा में सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करना है। इस दिन को मनाने का मकसद यह है कि दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भूखा न सोना पड़े और सभी को पोषक आहार मिल सके।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (Table)
वर्ष | विश्व खाद्य दिवस की थीम | फोकस क्षेत्र |
---|---|---|
2021 | “Safe Food Now for a Healthy Tomorrow” | सुरक्षित और स्वस्थ खाद्य |
2022 | “Leave No One Behind” | भूख और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई |
2023 | “Water is Life, Water is Food” | जल सुरक्षा और खाद्य आपूर्ति |
2024 | “Right to foods for a better life and a better future” | “बेहतर जीवन और बेहतर भविष्य के लिए भोजन का अधिकार” |
खाद्य सुरक्षा की चुनौतियाँ
1. भुखमरी और कुपोषण
दुनिया की बढ़ती आबादी के साथ, खाद्य सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बन गई है। 2023 में, FAO की रिपोर्ट के अनुसार, करीब 820 मिलियन लोग अभी भी भूखे रहते हैं। इसका एक बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन, आर्थिक असमानता और खाद्य आपूर्ति तंत्र में व्यवधान हैं। खाद्य पदार्थों की उपलब्धता तो है, लेकिन इनकी उचित वितरण व्यवस्था की कमी के कारण लोग भूख से जूझ रहे हैं।
2. जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
जलवायु परिवर्तन का खाद्य उत्पादन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। असामान्य मौसम की घटनाएँ, जैसे सूखा, बाढ़, और गर्मी की लहरें, कृषि उत्पादन को प्रभावित कर रही हैं। 2023 में FAO की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया, तो 2050 तक खाद्य उत्पादन में 30% की कमी आ सकती है।
3. कुपोषण और अनियमित आहार
कुपोषण, विशेष रूप से बच्चों में, एक बड़ी चुनौती है। विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के अनुसार, दुनिया भर में करीब 144 मिलियन बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। यह संख्या इस बात की गवाही देती है कि खाद्य सुरक्षा केवल भोजन की उपलब्धता से नहीं बल्कि पोषक आहार से भी जुड़ी है।
2024 में विश्व खाद्य दिवस की थीम और उद्देश्य
हर साल विश्व खाद्य दिवस के लिए एक नई थीम चुनी जाती है, जो उस समय की सबसे बड़ी वैश्विक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की जाती है। 2024 की थीम बेहतर जीवन और बेहतर भविष्य के लिए भोजन का अधिकार’ (Right to foods for a better life and a better future) घोषित हुई है।
प्रमुख उद्देश्य:
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना: यह सुनिश्चित करना कि हर व्यक्ति को पर्याप्त और पोषक आहार मिले।
- भुखमरी समाप्त करना: संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के तहत 2030 तक भुखमरी समाप्त करने का लक्ष्य।
- कृषि और खाद्य उत्पादन में सुधार: किसानों को नई तकनीक और संसाधनों की जानकारी प्रदान कर उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाना।
- स्थानीय खाद्य प्रणालियों को मजबूत बनाना: स्थायी कृषि और स्थानीय खाद्य तंत्र को मजबूत करना।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग (2023):
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2023 के अनुसार, भारत की रैंकिंग 111 स्थान पर है। भारत के लिए यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि इसे गंभीर श्रेणी में रखा गया है। भुखमरी और कुपोषण के खिलाफ संघर्ष में यह रैंकिंग भारत के लिए कई चुनौतियों का संकेत देती है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) क्या होता है?
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) एक वार्षिक रिपोर्ट है जो दुनिया भर में भुखमरी की स्थिति को मापने और आकलन करने के लिए उपयोग की जाती है। इसे चार प्रमुख संकेतकों के आधार पर मापा जाता है:
- अल्पपोषण (Undernourishment): किसी देश की आबादी का प्रतिशत जो पर्याप्त कैलोरी प्राप्त नहीं कर पा रही है।
- बालों की बर्बादी (Child Wasting): पांच साल से कम उम्र के बच्चों का प्रतिशत जिनका वजन उनकी लंबाई के अनुसार कम है।
- बालों की स्टंटिंग (Child Stunting): पांच साल से कम उम्र के बच्चों का प्रतिशत जिनकी लंबाई उनकी उम्र के अनुसार कम है।
- बाल मृत्यु दर (Child Mortality Rate): पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर।
GHI का उद्देश्य यह देखना है कि किसी देश में भुखमरी और कुपोषण कितने गंभीर स्तर पर है और इसे खत्म करने के लिए कौन से कदम उठाए जाने चाहिए। GHI स्कोर जितना कम होता है, उस देश की स्थिति उतनी ही बेहतर होती है।
भारत में खाद्य सुरक्षा और पोषण
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कृषि उत्पादक देश है, फिर भी भुखमरी और कुपोषण यहाँ एक बड़ी समस्या है। 2023 में प्रकाशित ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) के अनुसार, भारत का स्कोर 29.1 था, जो इसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखता है।
भारत सरकार की योजनाएँ
भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ चलाई हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA): यह अधिनियम 2013 में लागू किया गया, जिसके तहत 67% भारतीय जनसंख्या को सब्सिडी वाले अनाज मिलते हैं।
- मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day Meal Scheme): इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चों को पोषक आहार प्रदान किया जाता है।
- आंगनवाड़ी सेवाएँ: गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने के लिए आंगनवाड़ी सेवाओं के तहत पोषक आहार दिया जाता है।
2023-2024 की खाद्य आपूर्ति स्थिति
FAO की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2023-2024 के दौरान कुल खाद्य उत्पादन में 3.5% की वृद्धि दर्ज की है। भारत अब चावल, गेहूँ, और चीनी उत्पादन में अग्रणी देशों में शामिल हो गया है। लेकिन इन सबके बावजूद, देश में पर्याप्त मात्रा में भोजन की उपलब्धता के बावजूद वितरण तंत्र में असमानता के कारण कई लोग भोजन से वंचित रह जाते हैं।
खाद्य सुरक्षा को कैसे बढ़ावा दिया जाए?
1. जैविक खेती को बढ़ावा देना
जैविक खेती न केवल खाद्य उत्पादन में सुधार करती है, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखती है। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम होता है।
2. खाद्य अपशिष्ट को कम करना
FAO की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में उत्पादित खाद्य पदार्थों का 1/3 हिस्सा बर्बाद हो जाता है। इसे कम करने के लिए सरकारें और संगठनों को मिलकर काम करना होगा। इससे न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी, बल्कि संसाधनों का भी सही उपयोग होगा।
3. स्मार्ट कृषि तकनीक
ड्रोन, सटीक खेती, और जल संरक्षण तकनीक का उपयोग करके किसान अपनी उत्पादकता बढ़ा सकते हैं। स्मार्ट कृषि उपकरणों का उपयोग करके उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है और खाद्य आपूर्ति तंत्र को बेहतर बनाया जा सकता है।
FAQs: विश्व खाद्य दिवस 2024
Q1. विश्व खाद्य दिवस कब मनाया जाता है?
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है।
Q2. विश्व खाद्य दिवस 2024 की थीम क्या है?
2024 की थीम अभी तक घोषित नहीं हुई है, लेकिन इसके खाद्य सुरक्षा, पोषण, या जलवायु परिवर्तन से संबंधित होने की उम्मीद है।
Q3. विश्व खाद्य दिवस का उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक खाद्य सुरक्षा के महत्व को समझाना और भुखमरी तथा कुपोषण के खिलाफ जागरूकता फैलाना है।
Q4. भारत में खाद्य सुरक्षा की स्थिति कैसी है?
भारत में भुखमरी और कुपोषण एक बड़ी समस्या बनी हुई है, लेकिन सरकार की योजनाएँ जैसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और मध्याह्न भोजन योजना इस दिशा में सुधार कर रही हैं।
Q5. खाद्य सुरक्षा के लिए कौन सी प्रमुख चुनौतियाँ हैं?
प्रमुख चुनौतियों में भुखमरी, कुपोषण, जलवायु परिवर्तन, और खाद्य अपशिष्ट शामिल हैं।
विश्व खाद्य दिवस 2024 हमें याद दिलाता है कि खाद्य सुरक्षा, भुखमरी, और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में हमारा योगदान कितना महत्वपूर्ण है। अगर हम अपनी खाद्य प्रणालियों को सुधारें, जैविक खेती को अपनाएं, और खाद्य अपशिष्ट को कम करें, तो हम एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। विश्व खाद्य दिवस केवल एक दिन नहीं, बल्कि हर दिन के लिए प्रेरणा होनी चाहिए।