गणतंत्र दिवस 2025 (Republic Day 2025):– हर साल 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस (Republic Day) भारत के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। यह दिन न केवल हमारे देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक विविधता और एकता का भी प्रतीक है। गणतंत्र दिवस का इतिहास बहुत ही रोचक और प्रेरणादायक है। यह दिन हमें हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम और संविधान के निर्माण की याद दिलाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणतंत्र दिवस का इतिहास क्या है? क्या आप जानते हैं कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? और क्या आप जानते हैं कि गणतंत्र दिवस के पीछे की कहानी क्या है? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए, आइए इस लेख के माध्यम से हम गणतंत्र दिवस के इतिहास, महत्व और कहानी को विस्तार से जानते हैं।
इस लेख में, हम आपको गणतंत्र दिवस (Republic Day) के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे और आपको इस दिन के महत्व को समझने में मदद करेंगे। तो आइए, गणतंत्र दिवस 2025 से संबंधित इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें…
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गणतंत्र दिवस 2025 क्या है? (Republic Day 2025 kya Hai)
गणतंत्र दिवस (Republic Day) भारत का राष्ट्रीय पर्व है, जिसे हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन 1950 में भारतीय संविधान लागू हुआ था, जिससे भारत एक गणराज्य बन गया। इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाने के लिए दिल्ली में राजपथ पर एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों की शक्ति और सांस्कृतिक विविधताओं का प्रदर्शन होता है। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की शहादत को याद करने और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को सम्मानित करने का अवसर होता है।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? (26 January ko Gantantra Diwas kyon Manaya Jata Hai)
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाने का कारण भारतीय संविधान का लागू होना है। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान को प्रभावी रूप से लागू किया गया था, जिससे भारत एक गणराज्य बन गया। इस दिन भारतीय लोकतंत्र की नींव को सुदृढ़ किया गया और देश में शासन की प्रणाली को संविधान द्वारा निर्धारित किया गया।
हालांकि, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाने से पहले, 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 26 जनवरी को “पूर्ण स्वराज” दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया था। यह निर्णय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण अध्याय का हिस्सा था, जिसमें भारत ने ब्रिटिश शासन से पूरी तरह स्वतंत्रता की मांग की थी।
भारत के संविधान को लागू करने के बाद, 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाना एक ऐतिहासिक कदम था, जो भारतीय लोकतंत्र की मजबूती, स्वतंत्रता संग्राम की महत्ता, और संविधान के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। इस दिन को भारत भर में उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है।
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गणतंत्र दिवस का इतिहास (Gantantra Diwas ka Itihas)
26 जनवरी 1950 का दिन भारतीय इतिहास में एक अमूल्य धरोहर के रूप में दर्ज हुआ, जब भारत के पहले राष्ट्रपति, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के बाद भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराकर भारतीय गणराज्य की ऐतिहासिक शुरुआत की घोषणा की। यह दिन, अंग्रेजी शासन से मुक्ति पाने के 894 दिन बाद, भारत के स्वाधीनता संघर्ष का संपूर्ण और प्रभावी परिणाम था। इस दिन भारत ने न केवल स्वतंत्रता प्राप्त की, बल्कि एक गणराज्य बनने की ओर भी कदम बढ़ाया। तब से यह दिन प्रत्येक वर्ष हमारे देश में गर्व और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
इस ऐतिहासिक यात्रा की नींव 1930 में रखी गई थी, जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर सत्र में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शूरवीरों ने यह संकल्प लिया कि 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। उस दिन उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की पूर्ण स्वतंत्रता की शपथ ली। यह शपथ केवल एक प्रतीकात्मक कदम नहीं था, बल्कि इसने भारतीय जनता के दिलों में स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए एक सशक्त आंदोलन का आगाज किया।
इसके बाद भारतीय संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई, जिसमें भारतीय नेताओं और ब्रिटिश कैबिनेट मिशन के सदस्य उपस्थित थे। इस बैठक में भारतीय संविधान के निर्माण पर गहरी चर्चाएं, सिफारिशें और विचार-विमर्श हुआ। कई संशोधनों के बाद, 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अंतिम रूप दिया गया, और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने देश के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। हालांकि, भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिल चुकी थी, लेकिन इसकी असली स्वतंत्रता और गणराज्य बनने का जश्न 26 जनवरी 1950 को मनाया गया।
इर्विन स्टेडियम में जब भारतीय राष्ट्रीय ध्वज लहराया गया, तो यह भारत के लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बनने की पूरी प्रक्रिया का प्रतीक था। यह दिन न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीरों के संघर्ष का सम्मान था, बल्कि भारतीय संविधान की प्रामाणिकता और प्रभावी होने का भी प्रतीक बन गया। गणतंत्र दिवस के इस ऐतिहासिक दिन ने भारतीय लोकतंत्र की सुदृढ़ नींव रखी, जिसे आज हम गर्व से मनाते हैं।
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Conclusion:-Republic Day 2025
गणतंत्र दिवस (Republic Day 2025) 26 जनवरी को मनाना हमारे इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम और भारतीय संविधान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह दिन हमें अपने लोकतांत्रिक मूल्यों, एकता और सांस्कृतिक विविधता की याद दिलाता है। हर साल इसे गर्व और उत्साह के साथ मनाना, हमारे राष्ट्रीय गौरव और देश के लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है।
FAQ’s:-Republic Day 2025
Q. गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?
Ans. गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भारतीय संविधान 1950 में लागू हुआ था।
Q. गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?
Ans. 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ, जिससे भारत गणराज्य बन गया और इस दिन को मनाने का उद्देश्य भारतीय लोकतंत्र और संविधान की महत्ता को दर्शाना है।
Q. गणतंत्र दिवस पर क्या आयोजन होता है?
Ans. गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के राजपथ पर एक भव्य परेड का आयोजन होता है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों और सांस्कृतिक विविधताओं का प्रदर्शन किया जाता है।
Q. भारत में गणतंत्र दिवस की शुरुआत कब हुई थी?
Ans. भारत में गणतंत्र दिवस की शुरुआत 26 जनवरी 1950 को हुई, जब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
Q. 26 जनवरी को पहले क्या मनाया जाता था?
Ans. 26 जनवरी को 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने “पूर्ण स्वराज” दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया था।
Q. गणतंत्र दिवस से पहले भारत ने कब स्वतंत्रता प्राप्त की थी?
Ans. भारत ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की थी, लेकिन गणराज्य बनने की प्रक्रिया 26 जनवरी 1950 को पूरी हुई।