ओणम (Onam) केरल का सबसे प्रसिद्ध और रंगारंग पर्व है, जो न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस त्योहार को मलयाली कैलेंडर के अनुसार ‘चिंगम’ महीने में मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अगस्त या सितंबर के महीने में आता है। यह पर्व खासतौर पर भगवान विष्णु के वामन अवतार और महाबली राजा की कहानी से जुड़ा हुआ है। ओणम का उत्सव पूरे 10 दिन तक चलता है, और हर दिन का अपना विशेष महत्व होता है। ओणम 2024 केरल में 20 अगस्त से 31 अगस्त के बीच मनाया जाएगा।
ओणम का ऐतिहासिक महत्व | Historical Significance of Onam
ओणम का इतिहास प्राचीन कथा पर आधारित है जिसमें महान असुर राजा महाबली का जिक्र होता है। राजा महाबली अपने राज्य के नागरिकों के प्रति बहुत दयालु और न्यायप्रिय थे, जिससे उनके राज्य में सुख-समृद्धि थी। कहा जाता है कि देवताओं को महाबली की बढ़ती ताकत और लोकप्रियता से डर था, इसलिए उन्होंने भगवान विष्णु से मदद मांगी। विष्णु ने वामन अवतार धारण किया और महाबली से तीन पग भूमि मांगी। महाबली ने वामन की मांग को स्वीकार किया, और वामन ने अपने एक पग में धरती, दूसरे पग में स्वर्ग को नाप लिया। तीसरा पग रखने के लिए महाबली ने अपना सिर पेश किया, और भगवान विष्णु ने उन्हें पाताल लोक भेज दिया। लेकिन उनकी भक्ति और निस्वार्थता के कारण, विष्णु ने महाबली को साल में एक बार अपने राज्य और प्रजा से मिलने की अनुमति दी। इस खुशी के मौके पर ही ओणम का उत्सव मनाया जाता है।
ओणम का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व | Religious and Spiritual Significance of Onam
ओणम सिर्फ एक सांस्कृतिक पर्व नहीं है, बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी है। यह पर्व राजा महाबली के स्वागत के साथ-साथ भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा से भी जुड़ा हुआ है। ओणम के दिन विशेष पूजा-अर्चना, व्रत और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। मंदिरों में भक्त भगवान वामन की विशेष पूजा करते हैं और महाबली की आत्मा की शांति और उनके राज्य की समृद्धि की कामना करते हैं।
ओणम के 10 दिन | The 10 Days of Onam
ओणम का उत्सव 10 दिनों तक चलता है, और हर दिन का विशेष नाम और महत्व होता है। आइए देखते हैं कि इन 10 दिनों को किस तरह से मनाया जाता है:
- अथम (Atham)
- ओणम का पहला दिन अथम के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान वामन के जन्म की कथा से जुड़ी पूजा की जाती है। लोग घरों को फूलों से सजाते हैं और ‘पुक्कलम’ बनाते हैं।
- चिथिरा (Chithira)
- दूसरे दिन चिथिरा पर घर की साफ-सफाई की जाती है और पुक्कलम को और भी सुंदर बनाया जाता है।
- चोडी (Chodhi)
- तीसरे दिन चोडी पर लोग नए कपड़े और आभूषण खरीदते हैं, जिन्हें ओणम के मुख्य दिन पर पहना जाता है।
- विशाखम (Vishakam)
- विशाखम के दिन से ओणम के भोज ‘ओणम सध्या’ की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। इस दिन बाजारों में काफी रौनक होती है।
- अनिजम (Anizham)
- अनिजम के दिन विशेष रूप से नौका दौड़ (वल्लमकली) की तैयारियां की जाती हैं।
- थ्रीक्केटा (Thriketa)
- इस दिन से परिवार और मित्रों के साथ ओणम की खुशियों का आदान-प्रदान किया जाता है।
- मूलम (Moolam)
- सातवें दिन स्थानीय मंदिरों में भगवान विष्णु की पूजा होती है। लोग उत्सव का आनंद उठाते हैं।
- पूराडम (Pooradam)
- इस दिन लोग मिट्टी से महाबली की मूर्ति बनाते हैं और उसकी पूजा करते हैं।
- उथ्राडम (Uthradam)
- यह ओणम का नौवां दिन है और इसे “ओणम की पूर्व संध्या” कहा जाता है। लोग इस दिन विशेष पूजा और भोग बनाते हैं।
- थिरुवोणम (Thiruvonam)
- ओणम का अंतिम और सबसे प्रमुख दिन थिरुवोणम है। इस दिन लोग पुक्कलम बनाते हैं, विशेष सध्या (भोज) का आयोजन करते हैं और पारंपरिक नृत्य-गान में भाग लेते हैं।
ओणम के प्रमुख आयोजन | Major Events of Onam
यह भी पढ़े:-ओणम पर शुभकामनाएं सन्देश
ओणम के समय केरल में विभिन्न सांस्कृतिक और मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोग बड़ी संख्या में भाग लेते हैं। कुछ प्रमुख आयोजन इस प्रकार हैं:
- वल्लमकली (Vallamkali) – नौका दौड़
- ओणम के मौके पर केरल की पारंपरिक नौका दौड़ (Vallamkali) एक बहुत ही लोकप्रिय आयोजन है। इस स्पर्धा में लंबी और सुंदर सजाई गई नौकाओं की प्रतियोगिता होती है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
- पुक्कलम (Pookkalam) – फूलों की रंगोली
- ओणम पर घरों के आंगन में रंग-बिरंगे फूलों से सुंदर पुक्कलम बनाई जाती है। यह प्रतियोगिता के रूप में भी आयोजित की जाती है और लोग इसे बहुत धूमधाम से बनाते हैं।
- ओणम सध्या (Onam Sadhya) – विशेष भोज
- ओणम सध्या ओणम का विशेष भोज है, जो केले के पत्ते पर परोसा जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार की 26 से अधिक पारंपरिक व्यंजन होते हैं जैसे सांभर, अवियल, इनजी करी, पायसम आदि।
- कथकली (Kathakali) और अन्य पारंपरिक नृत्य
- ओणम के अवसर पर कथकली, थुम्बी तुल्लाल और पूकलम जैसी पारंपरिक नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया जाता है। यह आयोजन न केवल केरल के सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है, बल्कि इसे वैश्विक मंच पर भी प्रस्तुत करता है।
ओणम सध्या: पारंपरिक केरलियन भोजन | Onam Sadhya: Traditional Kerala Feast
ओणम सध्या ओणम के पर्व का सबसे प्रमुख और आनंदित भाग है। यह भोजन एक पारंपरिक भोज है जो विशेष रूप से केले के पत्ते पर परोसा जाता है। इसमें 26 से अधिक प्रकार के व्यंजन होते हैं, जो शाकाहारी होते हैं। मुख्य व्यंजन इस प्रकार हैं:
- सांभर (Sambar)
- अवियल (Avial)
- थोरन (Thoran)
- ओलन (Olan)
- इनजी करी (Inji Curry)
- पायसम (Payasam) – मिठाई, जो इस भोज का मुख्य आकर्षण होती है। इसे विभिन्न प्रकार से बनाया जाता है, जैसे चक्का पायसम, पाला पायसम, आदि।
ओणम सध्या का खास महत्व है क्योंकि यह केरल की विविधता और समृद्धि का प्रतीक है। यह भोज सामाजिक बंधनों को और मजबूत बनाता है, क्योंकि इस दिन लोग एक साथ बैठकर भोज का आनंद लेते हैं।
ओणम की सांस्कृतिक विविधता | Cultural Diversity of Onam
ओणम सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं है, यह एक सांस्कृतिक महोत्सव है जो केरल की अद्वितीय सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करता है। इस पर्व के दौरान विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जैसे पारंपरिक नृत्य, संगीत, खेल, और कला प्रदर्शनियां। यह एक ऐसा मौका होता है जब केरल के लोग अपनी सांस्कृतिक धरोहर पर गर्व महसूस करते हैं और इसे दुनिया के सामने प्रस्तुत करते हैं।
आधुनिक समय में ओणम | Onam in Modern Times
आजकल ओणम का उत्सव न केवल केरल में बल्कि देश-विदेश में बसे मलयाली समुदाय के लोग भी धूमधाम से मनाते हैं। हालांकि पहले यह त्योहार केवल धार्मिक और पारंपरिक आयोजनों तक सीमित था, लेकिन अब इसे एक सांस्कृतिक और सामाजिक महोत्सव के रूप में भी देखा जाता है। आधुनिक समय में ओणम में नई-नई तकनीकों और विचारों का समावेश हो चुका है। लोग अब सोशल मीडिया के जरिए भी ओणम की शुभकामनाएं देते हैं और दुनिया भर के मलयाली लोग इस त्योहार को ऑनलाइन मनाते हैं।
ओणम से जुड़ी कुछ मान्यताएं और विश्वास | Beliefs and Superstitions Related to Onam
ओणम के दौरान कई तरह की मान्यताएं और धार्मिक विश्वास जुड़े होते हैं। जैसे कि ओणम के पहले दिन लोग पुक्कलम बनाते हैं, जिसे शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इससे घर में समृद्धि और शांति आती है। इसके अलावा, इस पर्व के दौरान किसी भी तरह का नकारात्मक कार्य करना अशुभ माना जाता है। लोग इस समय अपने घरों को साफ रखते हैं और भगवान की पूजा करते हैं ताकि उनके जीवन में सुख और शांति बनी रहे।
निष्कर्ष | Conclusion
ओणम 2024 न केवल एक धार्मिक त्योहार है बल्कि यह केरल की सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। यह पर्व समर्पण, भक्ति, और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देता है। ओणम के दस दिनों का उत्सव केरल के लोगों के लिए केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हर साल नए उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।
ओणम की खूबसूरती इसकी समृद्ध संस्कृति और विविधता में छिपी है, और इस त्योहार को देखकर कोई भी केरल की सभ्यता और सांस्कृतिक वैभव का अंदाजा लगा सकता है।