
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण 2025 (Surya Grahan aur Chandra Grahan 2025): प्रकृति के अद्भुत खगोलीय घटनाक्रमों में सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) और चंद्र ग्रहण का विशेष स्थान है। ये घटनाएँ न केवल वैज्ञानिक शोध का विषय हैं, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक विशेष स्थिति में आते हैं, तो ग्रहण की यह अद्भुत घटना घटित होती है।
भारत में हर साल ग्रहण की ये घटनाएँ लोगों के बीच जिज्ञासा और उत्सुकता का विषय बनती हैं। खासतौर पर जब ग्रहण भारत में दिखाई देता है, तब इसके सूतक काल, धार्मिक परंपराओं और वैज्ञानिक महत्व को लेकर विशेष चर्चा होती है। साल 2025 में भी दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण लगने वाले हैं, जिनमें से कुछ भारत में दिखाई देंगे और कुछ नहीं। ऐसे में ग्रहण से जुड़े समय, तिथियों, सूतक काल और धार्मिक प्रभावों को जानना बेहद आवश्यक हो जाता है। क्या ये ग्रहण भारत में दृष्टिगोचर होंगे? इनका धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से क्या प्रभाव पड़ेगा?
सूतक काल के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? ऐसे कई सवाल लोगों के मन में उठते हैं। यदि आप भी साल 2025 में लगने वाले सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की तिथियों, समय, धार्मिक मान्यताओं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विस्तार से समझना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है।
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण 2025 से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे इसलिए को अंत तक जरूर पढ़े ताकि आप इसके महत्व को समझ सकें……
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सूर्य ग्रहण क्या है? | Surya Grahan kya Hai?

सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) एक खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पूरी तरह या आंशिक रूप से नहीं पहुंच पाता। यह घटना अमावस्या के दिन होती है। सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं पूर्ण, आंशिक और वलयाकार। पूर्ण सूर्य ग्रहण में सूर्य पूरी तरह छिप जाता है, जबकि आंशिक सूर्य ग्रहण में इसका कुछ भाग ही ढका रहता है। वलयाकार ग्रहण में सूर्य के किनारे चमकते रहते हैं, जिससे वह एक अग्निवलय (रिंग ऑफ फायर) जैसा दिखता है।
धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं में इस समय पूजा-पाठ से बचने और स्नान करने की सलाह दी जाती है, जबकि वैज्ञानिक रूप से यह एक अध्ययन का विषय है, जिससे सूर्य और ब्रह्मांड के बारे में नई जानकारियां प्राप्त होती हैं।
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सूर्य ग्रहण 2025 में कब लगेगा? | Surya Grahan 2025 kab Lagega?
साल 2025 में दो सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं, लेकिन दोनों ही भारत में दिखाई नहीं देंगे। पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 (शनिवार) को होगा, जो आंशिक होगा और उत्तरी अमेरिका, यूरोप तथा कुछ अन्य क्षेत्रों में दिखाई देगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 2:20 बजे से शुरू होकर शाम 6:13 बजे तक चलेगा। दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 (रविवार) को होगा, जो आंशिक रहेगा और न्यूजीलैंड व आसपास के क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। इसका समय रात 11:00 बजे से 22 सितंबर की सुबह 3:24 बजे तक रहेगा। चूंकि ये ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देंगे, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा और धार्मिक प्रभाव भी सीमित रहेगा। फिर भी ज्योतिषीय दृष्टि से ये महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
साल 2025 के सूर्य ग्रहणों की विस्तृत जानकारी
विवरण | पहला सूर्य ग्रहण | दूसरा सूर्य ग्रहण |
ग्रहण की तिथि | 29 मार्च 2025 (शनिवार) | 21 सितंबर 2025 (रविवार) |
समय | 2:20 PM -6:13 PM | 11:00 PM -3:24 AM |
ग्रहण का प्रकार | आंशिक सूर्य ग्रहण | आंशिक सूर्य ग्रहण |
भारत में दृश्यता | नहीं दिखाई देगा | नहीं दिखाई देगा |
दृश्यता के क्षेत्र | उत्तरी अमेरिका, यूरोप आदि | न्यूजीलैंड और अन्य क्षेत्र |
सूतक काल | मान्य नहीं | मान्य नहीं |
भारत में धार्मिक प्रभाव | कोई प्रभाव नहीं | कोई प्रभाव नहीं |
सूर्य ग्रहण का धार्मिक मान्यताएँ
- सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) को धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है, और इस दौरान मंत्र जाप व दान को शुभ माना जाता है।
- आमतौर पर, सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं, लेकिन चूंकि ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेंगे, इसलिए इसका धार्मिक प्रभाव सीमित रहेगा।
- वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के संरेखण के कारण होती है।
चंद्र ग्रहण क्या है? | Chandra Grahan kya Hai?
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और उसका प्रकाश आंशिक या पूर्ण रूप से ढक जाता है। यह घटना पूर्णिमा के दिन होती है। चंद्र ग्रहण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं पूर्ण, आंशिक और उपच्छाया। पूर्ण चंद्र ग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाता है और लालिमा लिए हुए दिखाई देता है, जिसे “ब्लड मून” कहा जाता है। आंशिक चंद्र ग्रहण में चंद्रमा का कुछ भाग ढका रहता है, जबकि उपच्छाया चंद्र ग्रहण में हल्की छाया पड़ती है, जिससे इसका असर कम होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दौरान मंत्र जाप, दान और स्नान का विशेष महत्व होता है। वैज्ञानिक दृष्टि से यह घटना ब्रह्मांड की गतिविधियों को समझने के लिए महत्वपूर्ण होती है और खगोलीय अनुसंधान में सहायक होती है।
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चंद्र ग्रहण 2025 में कब लगेगा? | Chandra grahan 2025 Mein kab Lagega?
साल 2025 में भारत में दो चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) लगने वाले हैं। पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 (शुक्रवार) को होगा, जो भारत में पूरी तरह दिखाई देगा। यह ग्रहण सुबह 10:39 बजे से दोपहर 2:18 बजे तक रहेगा, और इसका सूतक काल 13 मार्च 2025 को रात 9:39 बजे से शुरू होगा। धार्मिक दृष्टि से यह महत्वपूर्ण रहेगा, क्योंकि इस दौरान पूजा-पाठ में सावधानी बरती जाती है। दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 (रविवार) को लगेगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। यह रात 9:57 बजे से 1:26 बजे (8 सितंबर) तक रहेगा। इसका सूतक काल 6 सितंबर 2025 को रात 12:57 बजे से शुरू होगा, लेकिन भारत में इसका धार्मिक प्रभाव नहीं रहेगा।
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साल 2025 के चंद्र ग्रहणों की विस्तृत जानकारी
विवरण | पहला चंद्र ग्रहण | दूसरा चंद्र ग्रहण |
ग्रहण की तिथि | 14 मार्च 2025 (शुक्रवार) | 7 सितंबर 2025 (रविवार) |
समय (IST) | 10:39 AM -2:18 PM | 9:57 PM -1:26 AM (8 सितंबर) |
ग्रहण का प्रकार | उपच्छाया चंद्र ग्रहण | आंशिक चंद्र ग्रहण |
भारत में दृश्यता | दिखाई देगा | दिखाई नहीं देगा |
दृश्यता के क्षेत्र | भारत सहित कई अन्य देश | अन्य देश, लेकिन भारत में नहीं |
सूतक काल | 13 मार्च को रात 9:39 बजे से | 6 सितंबर को रात 12:57 बजे से |
भारत में धार्मिक प्रभाव | धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण | कोई विशेष प्रभाव नहीं |
चंद्र ग्रहण और धार्मिक मान्यताएँ
- पहले चंद्र ग्रहण के दौरान भारत में पूजा-पाठ और मंत्र जाप पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- ग्रहण के समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान व शुद्धिकरण किया जाता है।
- दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका कोई धार्मिक प्रभाव नहीं रहेगा।
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Conclusion:-Surya Grahan
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FAQ’s:-Surya Grahan
Q. सूर्य ग्रहण 2025 में कितने बार लगेगा?
Ans. साल 2025 में दो सूर्य ग्रहण लगेंगे—पहला 29 मार्च को और दूसरा 21 सितंबर को, लेकिन दोनों ही भारत में दिखाई नहीं देंगे।
Q. 29 मार्च 2025 के सूर्य ग्रहण का समय क्या है?
Ans. यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 2:20 बजे से शाम 6:13 बजे तक रहेगा।
Q. 21 सितंबर 2025 का सूर्य ग्रहण भारत में क्यों नहीं दिखेगा?
Ans. यह ग्रहण न्यूजीलैंड और आसपास के क्षेत्रों में दिखाई देगा, लेकिन भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं होगा।
Q. 2025 में पहला चंद्र ग्रहण कब लगेगा और इसका समय क्या है?
Ans. पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को लगेगा, जो सुबह 10:39 बजे से दोपहर 2:18 बजे तक रहेगा।
Q. 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में क्यों नहीं दिखाई देगा?
Ans. 7 सितंबर 2025 का चंद्र ग्रहण अन्य देशों में दिखाई देगा, लेकिन भारत में इसकी दृश्यता नहीं होगी।
Q. 14 मार्च 2025 के चंद्र ग्रहण का सूतक काल कब शुरू होगा?
Ans. इसका सूतक काल 13 मार्च 2025 को रात 9:39 बजे से शुरू होगा।