भारत के प्रमुख उद्योगपतियों में से एक, रतन टाटा, का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष, रतन टाटा, अपने शांत और प्रभावी नेतृत्व के लिए जाने जाते थे, जिन्होंने भारतीय उद्योग जगत में एक मजबूत पहचान बनाई। उन्होंने बुधवार, 9 अक्टूबर 2024 को अपनी अंतिम सांस ली, और उनके निधन से पूरा देश शोक में है।
रतन टाटा की जीवन यात्रा
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में ही पूरी की और इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय गए। इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम में शिक्षा प्राप्त की। रतन टाटा ने 1991 में टाटा समूह की बागडोर संभाली और उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर एक बड़ा नाम कमाया। उन्होंने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) और टाटा मोटर्स को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
रतन टाटा का व्यवसायिक योगदान
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने कई ऐतिहासिक अधिग्रहण किए, जिनमें 2008 में जगुआर लैंड रोवर और 2007 में कोरस का अधिग्रहण शामिल है। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई। टाटा नैनो जैसी किफायती कार का निर्माण उनकी सोच का परिणाम था, जिसमें उन्होंने आम भारतीय की जरूरतों को ध्यान में रखा।
व्यक्तिगत जीवन और समाज सेवा
रतन टाटा अपने निजी जीवन में अविवाहित रहे और उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय समाज सेवा और उद्योग के विकास के लिए समर्पित किया। वे समाज सेवा के क्षेत्र में भी अग्रणी रहे, जहां उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा परोपकारी कार्यों के लिए दान किया। उनके सहयोगी शंतनु नायडू ने उनके साथ समाज सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
रतन टाटा की प्रतिष्ठा केवल उद्योग तक सीमित नहीं थी, बल्कि वे अपने सामाजिक और नैतिक मूल्यों के लिए भी पहचाने जाते थे। उन्होंने भारतीय युवाओं को प्रेरित किया और हमेशा जीवन में नैतिकता और ईमानदारी को सर्वोच्च स्थान दिया। उनके समाज सेवा से जुड़े प्रयासों में मोतोपॉज़ और गुडफैलोज़ जैसी योजनाओं का अहम योगदान रहा।
रतन टाटा का अंतिम संस्कार
रतन टाटा के निधन के बाद, उनके अंतिम संस्कार के समय और स्थान की घोषणा जल्द की जाएगी। उनके निधन पर उद्योग, राजनीति और समाज के सभी वर्गों से शोक संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा, “रतन टाटा ने भारतीय उद्योग को नई दिशा दी और उनका योगदान सदैव याद किया जाएगा।”
रतन टाटा के निधन के साथ ही भारत ने एक महान उद्योगपति, परोपकारी और प्रेरणादायक व्यक्ति को खो दिया है।