Solar Panels (PV Modules): सोलर पैनल एक ऐसा उपकरण है जिसके सहायता से सूर्य के प्रकाश को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। सोलर पैनल को छोटे-छोटे सोलर सेल से मिलकर बनाया जाता है। जो सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करके उन्हें ऊष्मा में परिवर्तन करता है। और इस प्रकार बिजली उत्पादन होता है। वर्तमान समय में बिजली इंसान का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है और इसका इस्तेमाल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। अधिकतर कार्य को करने के लिए बिजली की आवश्यकता पड़ती है इसलिए इंसान इस पर पूरी तरह से निर्भर हो चुका है। बिजली के बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कई प्रकार के तकनीकी का उपयोग किया जाता है इन्हीं तकनीक में सोलर सिस्टम भी सम्मिलित है। जो बिना पर्यावरण को प्रदूषित किये प्राकृतिक स्रोत का उपयोग करते हुए बिजली उत्पादन करता है। ऐसे में हमे से कई लोग अपने घरों में सोलर पैनल लगवाना चाहते हैं लेकिन उनको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी नहीं होती है।
तो आईए हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से Solar Panels (PV Modules) Overview, सोलर पैनल (पीवी मॉड्यूल) क्या है? What is a Solar Panel (PV Module)? पीवी मॉड्यूल कैसे बनाया जाता है? How is a PV Module made? सौर ऊर्जा एवं सतत विकास क्या है? What is Solar Energy & Sustainable Development? पीवी की शुरुआत कब हुई थी?When was PV started? सौर सेल क्या हैं और उनके उपयोग क्या हैं? What are solar cells and their uses? सेल और मॉड्यूल के विद्युत प्रदर्शन की गणना कैसे करें? How to Calculate Electrical Performance of Cells and Modules?
पीवी मॉड्यूल परीक्षण के लिए पैरामीटर क्या हैं? What are the Parameters for PV Module Testing? सोलर पैनल से बिजली कैसे पैदा होती है? How electricity is Generated from Solar panels? भारत में सौर छतों के लिए नई नीति, 2024 क्या है? What is the New Policy for Solar rooftops in India 2024? सौर पैनल कैसे काम करता है? How do solar Panels Work? भारत में कितने प्रकार के सोलर पैनल उपलब्ध हैं? How many types of Solar Panels are available in India?,2024 में सोलर पैनल की लागत कितनी होगी? How Much do Solar Panels Cost in 2024?
सोलर पैनल की विशेषताएं | Features of a Solar Panel
घर पर सोलर पैनल कैसे लगाएं? How to Install Solar Panels at Home?,24v सोलर पैनल को 12v बैटरी से कैसे कनेक्ट करें? How to connect a 24v solar panel to a 12v battery? एक घर चलाने के लिए कितने सोलर पैनल की आवश्यकता होती है? How many solar panels are needed to run a house? सौर पैनलों का रखरखाव | Maintenance of Solar Panels, भारत में सौर पैनलों के क्या एप्लिकेशन हैं? What are the applications of solar panels in India? सौर लोन/ईएमआई विकल्प | Solar Loan /EMI Options
भारत में शीर्ष 10 सौर पैनल निर्माता (कंपनियां)। Top 10 Solar Panel Manufacturers (Companies) in India, सोलर पैनल पर नई सब्सिडी योजना | New Subsidy Scheme on Solar Panels संबंधित जानकारी विस्तार पूर्वक प्रदान कर रहे हैं इसलिए आप लोग इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
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Solar Panels (PV Modules)- Overview
आर्टिकल का नाम | Solar Panels (PV Modules) |
आर्टिकल का प्रकार | सोलर पैनल |
उद्देश्य | लोगों को सोलर पैनल संबंधी जानकारी प्रदान करना |
सोलर पैनल किसका बना होता है | सिलिकॉन से |
किस सिद्धांत पर कार्य करता है? | फोटोवोल्टिक सिद्धांत |
सोलर पैनल का आयु | औसत आयु 25 वर्ष |
सोलर पैनल (पीवी मॉड्यूल) क्या है? What is a Solar Panel (PV Module)?
सोलर पैनल सोलर सेल से बना होता है। एक सोलर पैनल के अंदर कई छोटे-छोटे सोलर सेल को मिलाकर बड़े सोलर पैनल का निर्माण किया जाता है। मुख्य रूप से 60 या 72 सोलर सेल को जोड़कर एक सोलर पैनल को बनाया जाता है। यह सोलर पैनल सिलिकॉन के द्वारा बनाया जाता है। सिलिकॉन के इन छोटी-छोटी परत को फोटोवोल्टिक सेल भी कहा जाता है। इन सोलर सेल पर जब सूर्य का काकिरण पड़ता है तो ऊष्मा के कारण यह गर्म हो जाता है। जिसके कारण सेल में मौजूद इलेक्ट्रॉन गति करने लगता है। और इस इलेक्ट्रॉन के गति के कारण बिजली का प्रवाह शुरू हो जाता है इस प्रकार सोलर पैनल के द्वारा बिजली बनता है।
वर्तमान समय में सोलर पैनल से बिजली बनाना काफी आसान हो गया है। सोलर पैनल से बिजली बनाने के लिए हमें किसी अतिरिक्त ईंधन एवं ऊर्जा की आवश्यकता नहीं पड़ती है केवल सूरज के किरण से ही सोलर पैनल बिजली उत्पन्न कर सकता है। सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली हमारे घरेलू उपयोग के साथ-साथ रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट एवं कारखाने की बिजली की आवश्यकता को पूर्ति कर सकता है। सोलर पैनल से बिजली बनाने में किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है इसलिए यह पर्यावरण के लिए अनुकूल मानी जाती है।
पीवी मॉड्यूल कैसे बनाया जाता है? How is a PV Module made?
सोलर सेल बनाने के लिए सिलिकॉन की जरूरत पड़ती है। सिलिकॉन हमें आसानी से रेत (सिलिकॉन ऑक्साइड) को कार्बन के साथ 2000° सेल्सियस तापमान पर गर्म करने पर मिल जाता है। जिससे हम आसानी से रेत में से सिलिकॉन को निकाल लेते हैं।अब हम आपको PV Module made Process बताएंगे कि सोलर पैनल को कैसे बनाया जाता है।
लेजर मशीन द्वारा सेल काटना
सोलर पैनल बनाने की प्रक्रिया सबसे पहले सेल की कटिंग के साथ शुरू होती है। जिसे लेजर से काटा जाता है। छोटे मॉडल मे लेज़र के साथ Cell Cutting की जाती है।
स्ट्रिंगर मशीन में सेल वेल्डिंग
सेल की कटिंग करने के बाद अब हमारी अगली प्रक्रिया stringer बनाने की होती है। Automatic Stringer Machine के साथ 30mm के ऊपर का कट सेल और फूल सेल तैयार कर सकते हैं। cut cell तैयार होने के बाद +,- सीरीज में जुड़ेगा। दोस्तों जो सोलर पैनल का नीले रंग का भाग होता है। वह (-) नेगेटिव भाग होता है और Bottom का सफेद भाग (+) पॉजिटिव भाग होता है।
दृश्य निरीक्षण (Visual Inspection)
Stringe पूरा होने के बाद सेल को आगे की प्रक्रिया के लिए भेज दिया जाता है। जहां सेल का विजुअल इंस्पेक्शन होता है। जिस भी स्ट्रिंग में कोई खराबी आती है तो उसे अलग कर दिया जाता है। इसके बाद Connection की Soldering की जाती है। उसके बाद जो अतिरिक्त Material होता है। उसे काटकर अलग कर दिया जाता है।
मॉड्यूल कनेक्शन इन्सुलेट करें
कनेक्शन की सोल्डरिंग होने के बाद अगली प्रक्रिया के लिए क्रीम को भेजा जाता है। आप सोलर पैनल के कनेक्शन को Insulate किया जाता है। इसमें बेडशीट और E.V का प्रयोग किया जाता है। जिससे सोलर पैनल धूल और नमी से बचा रहे।
दर्पण अवलोकन (Mirror Observation)
इस प्रक्रिया में अब बने हुए मॉड्यूल को चेक किया जाता है कि कहीं मॉड्यूल में कोई विजुअल इफेक्ट तो नहीं इसमें धूल के कण तो नहीं यह सब चेक करने के बाद अगली प्रक्रिया शुरू होती है।
ईएल परीक्षण (EL Testing)
इसमें मॉड्यूल का EL Test टेस्ट करते हैं। इसमें जो मॉड्यूल होता है। उसकी EL Testing इमेज मिलती है। जिसमें माइक्रो क्रैक,डेडसेल, Low Power Cell को डिटेक्ट किया जाता है। अगर इनमें से कुछ समस्या मॉड्यूल में आती है तो इसे सबसे पहले रिपेयर किया जाता है।
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लेमिनेशन प्रक्रिया (Lamination Process)
अब मॉड्यूल को लेमिनेशन प्रक्रिया के द्वारा 140 डिग्री पर लैमिनेट किया जाता है। लैमिनेट के बाद मॉड्यूल वाटरप्रूफ धूल कणों से मुक्त होता है और अत्यधिक गर्म होने पर इसे 5 से 10 मिनट के लिए ठंडा होने के लिए रख दिया जाता है।
ट्रिमिंग प्रक्रिया (Trimming Process)
इस प्रक्रिया में मॉड्यूल के अतिरिक्त मेटेरियल को अलग कर दिया जाता है।
फ्रेम काटना (Frame Cutting)
इसके बाद मॉड्यूल को छोटे–बड़े फ्रेम में काटा जाता है। Frame Cutting Machine के द्वारा यह काम किया जाता है।
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फ़्रेमिंग,गोंद,जंक्शन बॉक्स (Framing,Glue,Junction Box)
ग्लू लगाकर सीलेन को मॉड्यूल से अटैच किया जाता है। अटैच होने के बाद मॉड्यूल को फ्रेमिंग मशीन में रखकर दबाया जाता है।जिससे Solar Panel से अच्छी तरह से जुड़ जाता है। इसके बाद सोलर पैनल में Junction Box को लगाया जाता है तथा उसके बाद कनेक्शन की Soldering की जाती है। इसके बाद सोलर पैनल को 10 से 12 घंटे तक सूखने के लिए रख दिया जाता है।
मॉड्यूल सफाई (Module Cleaning)
इसके बाद तैयार सोलर पैनल को अच्छे से साफ किया जाता है ताकि इस पर से धूल कण को अच्छे से साफ किया जा सके।
सौर ऊर्जा एवं सतत विकास क्या है? What is Solar Energy & Sustainable Development?
सूर्य के किरण से बनने वाले ऊर्जा को हम लोग सौर ऊर्जा कहते हैं। भविष्य में दुनिया के अधिकांश क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का ही इस्तेमाल होगा क्योंकि जिस प्रकार प्राकृतिक संसाधन समाप्त हो रहे हैं। ऐसे में आने वाले पीढ़ी के लिए के लिए ऊर्जा के विकल्प हमें बनाने होंगे उसके लिए सौर ऊर्जा ऊर्जा का बेकार बेहतर विकल्प साबित होगा क्योंकि इस प्रकार के ऊर्जा से हमारा वातावरण प्रदूषित नहीं होता हैं। दूसरे ऊर्जा के मुकाबले इसे बनाना काफी आसान हैं। यही वजह है कि सौर ऊर्जा को सतत विकास के साथ कनेक्ट किया जा रहा हैं। ताकि सौर ऊर्जा का प्रचार और प्रसार तेजी के साथ हो सके। सौर ऊर्जा को व्यापक रूप से अपनाने से हमारे बिजली उत्पादन के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव आएगा और साथ में जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा उत्पादन से जुड़े पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की क्षमता सौर्य ऊर्जा में होती हैं। ताकि वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।
पीवी की शुरुआत कब हुई थी? When was PV Started?
प्राचीन यूनानियों और रोमनों ने सौर ताप को पकड़ने के लिए घरों की वास्तुकला ऐसे बनाते थे कि वहां पर सौर ऊर्जा को स्टोर किया जा सके। अपने घरों और स्नानघरों में सूरज की रोशनी स्टोर करने के लिए करने के लिए दक्षिण की ओर वाली खिड़कियां और परावर्तक सामग्री डिजाइन की जाती थीं तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में यूनानियों और रोमनों ने धार्मिक उद्देश्यों के लिए मशालें जलाने के लिए ‘जलते दर्पणों’ का उपयोग किया था। ऐसा कहा गया है कि ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में आर्किमिडीज़ ने सिरैक्यूज़ पर हमला करने वाले रोमन जहाजों में आग लगाने के लिए पीतल के परावर्तक गुणों का उपयोग किया था। छठी शताब्दी ई. तक घरों में सनरूम लोकप्रिय हो गए। जस्टिनियन कोड ने सूर्य तक व्यक्तिगत पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ‘सूर्य अधिकार’ की शुरुआत की। अप्रैल, 1954 में, बेल लेबोरेटरीज के शोधकर्ताओं ने पहले व्यावहारिक सिलिकॉन सौर सेल बनाया था |
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सौर सेल क्या हैं और उनके उपयोग क्या हैं? What are Solar Cells and Their Uses?
सौर ऊर्जा उपकरण की सबसे छोटी इकाई सौर सेल है। एक सौर पैनल कई सौर सेलों द्वारा बनाया जाता है। सौर फोटोवोल्टिक प्रणाली की बुनियादी बिजली उत्पादन इकाई सौर कोशिकाओं को आकार देती है। वास्तव में, सौर सेल बड़े क्षेत्र वाले अर्धचालक डायोड हैं। फोटोवोल्टिक प्रभाव के कारण प्रकाश ऊर्जा (फोटॉन ऊर्जा) विद्युत धारा में परिवर्तित हो जाती है।सौर सेल को फोटोवोल्टिक सेल भी कहा जाता है। वे प्रकाश ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करते हैं। सौर सेल का उपयोग कहां-कहां किया जाता है उसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं आई जानते हैं-
- दूरदराज के वातावरण में, सौर सेल अक्सर बिजली उत्पन्न करते हैं,
- गाड़ियों में भी सौर सेल का इस्तेमाल होता है
- घरों या व्यवसायों में उपयोग के लिए पानी गर्म करने के लिए सौर कोशिकाओं का उपयोग किया जा सकता है।
- सौर सेल का उपयोग सेल फोन, लैपटॉप या कैलकुलेटर जैसे उपकरणों को बिजली देने के लिए किया जा सकता है।
- सौर कोशिकाओं का उपयोग एलईडी रोशनी को बिजली देने के लिए किया जाता है
- सौर सेल का उपयोग सौर पैनल बनाने के लिए किया जा सकता हैं। जिसका उपयोग घरों या व्यवसायों के लिए बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है।
सेल और मॉड्यूल के विद्युत प्रदर्शन की गणना कैसे करें? How to Calculate Electrical Performance of Cells and Modules
जब आप सौर सेल खरीदते हैं तो निर्माता की सूची में सेल दक्षता का उल्लेख किया जाता है। हालाँकि, मूल्य अक्सर एसटीसी शर्तों के तहत होता है, और यदि आपका मॉडल एसटीसी शर्तों के तहत काम नहीं करता है तो यह बेकार है।
सौर दक्षता की गणना का सूत्र है;
दक्षता = सौर पैनल द्वारा बिजली उत्पादन/सौर पैनल का क्षेत्रफल x सौर चमक x100
पीवी मॉड्यूल परीक्षण के लिए पैरामीटर क्या हैं? What are the Parameters for PV Module Testing?
सौर मॉड्यूल का परीक्षण करने का सबसे अच्छा, तेज और आसान तरीका ओपन सर्किट वोल्टेज (वोक) और शॉर्ट सर्किट करंट दोनों की जांच करना है।
परीक्षण के कारण के आधार पर परीक्षण किया जा सकता है:
- at the controller (नियंत्रक पर)
- at the combiner box (if present) (कंबाइनर बॉक्स पर (यदि मौजूद हो)
- at the solar module ( सौर मॉड्यूल पर )
- can also be done on a String (2 or more Modules wired in Series)
सोलर पैनल से बिजली कैसे पैदा होती है? How Electricity is Generated From Solar Panels?
सौर पैनल फोटोवोल्टिक कोशिकाओं से बने होते हैं (यही कारण है कि सौर पैनलों से बिजली पैदा करना सौर पीवी भी कहा जाता है) जो सूर्य की ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करते हैं।
फोटोवोल्टिक कोशिकाएं सिलिकॉन जैसी अर्ध-संचालन सामग्री की परतों के बीच स्थित होती हैं। परतों में अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक गुण होते हैं जो सूरज की रोशनी से फोटॉन से टकराने पर सक्रिय हो जाते हैं, जिससे एक विद्युत क्षेत्र बनता है। इसे फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के रूप में जाना जाता है – जो बिजली पैदा करने के लिए आवश्यक करंट बनाता है।
भारत में सौर छतों के लिए नई नीति 2024 क्या है? What is the New Policy for Solar Rooftops in India, 2024
वर्तमान जनसंख्या के अनुसार, भारत में लगभग। 34 करोड़ घर विनय सरकार के द्वारा सोलर एनर्जी का लाभ दिया जाएगा हालांकि उनमें से एक करोड़ परिवारों को ही सोलर सब्सिडी का लाभ मिल पाएगा. सरकार के द्वारा आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि प्रत्येक सौर उपभोक्ता को रु। 50,000 सब्सिडी सोलर एनर्जी के लिए दिया जाएगा लेकिन मुख्य सवाल यह है कि कितने घर सब्सिडी योजना के लिए पात्र हैं? सौर पेशेवरों के अनुसार, 75% घरों में 1kW सौर ऊर्जा की जरूरत है जबकि 25% घरों में 3kW या उससे अधिक स्वीकृत भार है। इसका मतलब है कि केवल 25% घर (8.5 करोड़ घर) ही सौर सब्सिडी योजना के लिए पात्र हैं। हाल के दिनों में संसद में निर्मला सीतारमण ने कहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा Pradhan Mantri Suryodaya Yojana,का शुभारंभ किया जाएगा जिसके अंतर्गत एक करोड़ परिवारों के घरों में सरकार सोलर पैनल लगाई गई जिसके द्वारा उन्हें 300 यूनिट का सोलर एनर्जी फ्री में दिया जाएगा। ऐसा अनुमान है कि इस परियोजना से इन परिवारों को सालाना ₹ 15,000 से ₹ 18,000 के बीच बचत करने में मदद मिलेगी |
सौर पैनल कैसे काम करता है? How Do Solar Panels Work?
सौर पैनल फोटोवोल्टिक कोशिकाओं से बने होते हैं जो सूर्य की ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करते हैं। फोटोवोल्टिक कोशिकाएं सिलिकॉन जैसी अर्ध-संचालन सामग्री की बनी होती है और उसके प्रत्येक परत में अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक गुण होते हैं जो सूर्य के प्रकाश के फोटॉन से टकराने पर सक्रिय हो जाते हैं। जिसके फल स्वरुप एक विद्युत क्षेत्र बनता है जिसे हम लोग फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव कहते हैं। यह बिजली उत्पन्न करने के लिए आवश्यक करंट उत्पन्न करता है। सौर पैनल डायरेक्ट करंट उत्पन्न करते हैं ऐसे में इसे प्रत्यावर्ती धारा में परिवर्तित करने के लिए इनवर्टर का इस्तेमाल किया जाता हैं। इसके बाद ही आप सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर पाते हैं।
भारत में कितने प्रकार के सोलर पैनल उपलब्ध हैं? How Many Types of Solar Panels are Available in India?
भारत में चार प्रकार के सोलर पैनल उपलब्ध है जिसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं आईए जानते हैं:-
1. | मोनोक्रिस्टलिन सोलर पैनल (Monocrystalline solar panel ) |
2. | पॉलीक्रिस्टल सोलर पैनल (Polycrystalline Solar Panel) |
3. | पैसिव एमिटर एंड रियर सेल (passivated emitter and rear cell PERC) |
4. | थीन फिल्म सोलर पैनल (Thin film solar panel) |
2024 में सोलर पैनल की लागत कितनी होगी?How much do solar panels cost in 2024?
यदि आप भी अपने घर में सोलर पैनल लगाना चाहते हैं और 2024 में समय पर लगाने की लागत कितनी आएगी सोलर पैनल की लगाने की कीमत उसके कैपेसिटी और आकर पर निर्भर करता हैं। आप कितने Watts सोलर पैनल इस्तेमाल करेंगे। उसके अनुसार ही आपको पैसे खर्च करने होंगे नीचे हम आपको एक अनुमानित आंकड़ा दे रहे हैं जिसके मुताबिक आपको समझने में आसानी होगी कि सोलर पैनल लगाने में कितना खर्च आ सकता है |
Average Cost | ₹ 35,000/kW |
Lowest Cost | ₹ 34,000/kW |
Highest Cost | ₹ 41,000/kW |
इसके अलावा राज्यों के अनुसार सोलर पैनल लगाने लागत अलग-अलग होती है जिसका विवरण हम नीचे दे रहे हैं:-
राज्य | लागत /किलोवाट |
उतार प्रदेश। | ₹39,520 – 40,500 |
तमिलनाडु | ₹39,520 – 40,500 |
पश्चिम बंगाल | ₹39,520 – 40,500 |
महाराष्ट्र | ₹39,520 – 40,500 |
दिल्ली | ₹39,520 – 40,500 |
कर्नाटक | ₹39,520 – 40,500 |
बिहार | ₹39,520 – 40,500 |
राजस्थान | ₹39,520 – 40,500 |
हरियाणा | ₹39,520 – 40,500 |
केरल | ₹39,520 – 40,500 |
उड़ीसा | ₹39,520 – 40,500 |
मध्य प्रदेश | ₹39,520 – 40,500 |
जम्मू एंड कश्मीर | ₹39,520 – 40,500 |
तेलंगाना | ₹39,520 – 40,500 |
झारखंड | ₹39,520 – 40,500 |
छत्तीसगढ़ | ₹39,520 – 40,500 |
₹39,520 – 40,500 |
सोलर पैनल की विशेषताएं | Features of a Solar Panel
- सोलर पैनल का रखरखाव काफी कम लागत में हो जाता हैं।
- बिजली के खर्च को बचा सकते है।
- बिजली के मुकाबले सोलर पैनल लगाना काफी फायदेमंद हैं।
- वातावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं।
- सोलर पैनल का इस्तेमाल करना काफी आसान है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पर बिजली की सप्लाई किसी कारण से नहीं हो पा रही है। वहां पर आप सोलर पैनल के द्वारा बिजली प्राप्त कर सकते हैं।
घर पर सोलर पैनल कैसे लगाएं? How to Install Solar Panels at Home?
घर में अगर आप सोलर पैनल लगाना चाहते हैं तो सबसे पहले जगह का आपको चयन करेंगे क्योंकि यहां पर सोलर पैनल आसानी से आप अपने घर में इंस्टॉल कर पाएंगे। आमतौर पर भारत में घरों में सोलर पैनल छत पर ही लगाया जाता है ताकि सूर्य की रोशनी प्राप्त मात्रा में प्राप्त हो सके दूसरी बात है की छत पर जगह पर्याप्त होती है और वहां पर सोलर पैनल इंस्टॉल करना काफी आसान हैं। केंद्र सरकार के द्वारा सोलर एनर्जी संबंधित कई प्रकार की योजनाएं की संचालित की जा रही हैं। इसके लिए सरकार ने ( https://solarrooftop.gov.in/ ) आधिकारिक पोर्टल जारी किया है जिसके माध्यम से आप घर पर सोलर पैनल लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए आपको कोई भी आवेदन शुल्क देने की जरूरत नहीं है। आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सरकार की तरफ से आपके घर पर आदमी आएगा’ वह आकर आपके द्वारा बताए गए जगह पर सोलर पैनल इंस्टॉल कर देगा।
24v सोलर पैनल को 12v बैटरी से कैसे कनेक्ट करें? How to Connect a 24v Solar Panel to a 12v Battery?
आम तौर पर, 24V सौर पैनल और 12V बैटरी को एक दूसरे के साथ जोड़ा जाता है। लेकिन फिर, सवाल उठता है- 24V और 12 V बैटरी को कैसे कनेक्ट करें और क्यों? हर कोई जानता है कि सौर ऊर्जा का उपयोग बिजली पैदा करने के लिए किया जा सकता है और इस प्रकार, भारी बिजली बिल से बचा जा सकता है। वहीं, बैटरियां इस बिजली को स्टोर कर सकती हैं। इसका मतलब यह है कि इन सौर पैनलों द्वारा उत्पन्न बिजली को इस बैटरी में संग्रहीत किया जा सकता है और आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किया जा सकता है।इसके लिए एक सेटअप की आवश्यकता होती है, जिसमें एक 12 V इन्वर्टर, 12 V बैटरी और 12 V के 2 सौर पैनल होते हैं, जो मिलकर शुरुआत में 350 W सौर प्रणाली बन जाते हैं। बाद में, 50v VOC और 11A करंट का एक शार्क सोलर पैनल भी जोड़ा गया है। यदि कोई लोड/उपकरण भी इस सिस्टम से जुड़ा है, तो बैटरी पूरी तरह से चार्ज नहीं हो पाएगी, क्योंकि उत्पादित बिजली का भी उपयोग किया जा रहा है।
एक घर चलाने के लिए कितने सोलर पैनल की आवश्यकता होती है? How Many Solar Panels are Needed to Run a House?
औसतन, एक घर को बिजली देने के लिए पर्याप्त सौर ऊर्जा प्रदान करने के लिए लगभग 17 से 21 सौर पैनलों की आवश्यकता होती है। कई महत्वपूर्ण कारक, जैसे आपकी भौगोलिक स्थिति, आपके घर का आकार और सौर पैनलों आपके घर के लिए आवश्यक सौर पैनलों की जरूरत कितनी है उसके अनुसार भी आपके बारे में सोलर पैनल की जरूरत पड़ेगी
सौर पैनलों का रखरखाव | Maintenance of Solar Panels
- पैनलों की सतह से मलबा हटाना (जैसे पत्तियां और घोंसला बनाने की सामग्री)।
- इन्वर्टर के आसपास जमा हुई किसी भी धूल या गंदगी को हटा दें।
- इन्वर्टर के हीट सिंक में गंदगी का जमा होना एक इन्सुलेटर के रूप में कार्य करता है, जिससे इन्वर्टर का प्रदर्शन और जीवनकाल कम हो जाता है।
- चाहे आपके किसी पैनल का रंग फीका पड़ गया हो, टूट गया हो, या धुंधला हो गया हो, आपको यह देखने के लिए अपने प्रदाता से संपर्क करना चाहिए
- अपने पैनलों की सर्विस करवाएं
भारत में सौर पैनलों के क्या एप्लिकेशन हैं? What are the Applications of Solar Panels in India?
- SOLAR BATTERIES
- SOLAR GENERATORS
- SOLAR VENTILATION
- SOLAR WATER HEATING
- SOLAR HOUSE HEATING
- SOLAR-POWERED PUMPS
- SOLAR OVENS
- SOLAR COOLER
- SOLAR PORTABLE BLUETOOTH SPEAKER
- SOLAR CALCULATORS
- WIRELESS SOLAR KEYBOARD
- SOLAR SECURITY CAMERAS
- SOLAR-POWERED WI-FI GARBAGE BINS
- Solar Light
सौर लोन/ईएमआई विकल्प | Solar Loan/EMI Options
- क्रेडिट कार्ड
- बजाज फिनसर्व
- होम क्रेडिट/ लोन
- डेबिट कार्ड (एटीएम
भारत में शीर्ष 10 सौर पैनल निर्माता (कंपनियां) | Top 10 Solar Panel Manufacturers (Companies) in India
- Adani Solar
- Tata Power Solar
- Servotech Power Systems Ltd.
- Waaree Energies Ltd
- Vikram Solar
- Goldi Solar
- Saatvik Green Energy Pvt. Ltd.
- Renewsys India
- Loom Solar Pvt. Ltd
- Patanjali
पैनल पर नई सब्सिडी योजना | New Subsidy Scheme on Solar Panels
सोलर रूफटॉप योजना
सौर ऊर्जा का प्रयोग करने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय (MNRE) द्वारा छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए सोलर रूफटॉप योजना का संचालन किया गया हैं। इसके अंतर्गत सोलर सिस्टम स्थापित करने पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत अगर आप 3 किलो वाट का सोलर पैनल लगते हैं तो आपको 40% की सब्सिडी दी जाएगी। 3 किलोवाट से 10 किलोवाट क्षमता वाला सोलर पैनल स्थापित करते हैं तो आपको 20% का सब्सिडी मिलेगा |
कुसुम योजना
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा कुसुम योजना का शुभारंभ किया गया है जिसके अंतर्गत किसानों को सोलर पंप उपलब्ध करवाया जाएगा इसके लिए सरकार उन्हें सब्सिडी भी प्रदान करेगी ऐसे में आपके मन में सवाल आता होगा कि भारत में सोलर पैनल की कीमत सब्सिडी के बाद कितनी हो जाती है उसका पूरा विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं:-
1. | 1kW Solar System -₹ 45,412- ₹50,412 |
2. | 2kW Solar System- ₹90,284- ₹1,00,284 |
3. | 3kW Solar System- ₹1,36,236 – ₹1,51,236 |
4. | 4kW Solar System- ₹1,88,942- ₹2,08,942 |
5. | 5kW Solar System- ₹2,41,648 – ₹2,66,648 |
6. | 10kW Solar System- ₹5,05,178- ₹5,55,17 |
Conclusion:
उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल आप लोगों को काफी पसंद आया होगा ऐसे में आप हमारे आर्टिकल संबंधित कोई प्रश्न है हम सुझाव है तो आप लोग हमारे कमेंट्स बॉक्स में आकर अपने प्रश्नों को पूछ सकते हैं हम आपके प्रश्नों का जवाब जरूर देंगे।
FAQ’s: Solar Panels (PV Modules)
Q. भारत में सोलर पैनल कितने प्रकार के होते हैं?
Ans. भारत में सोलर पैनल मुख्यता पांच प्रकार के होते हैं:- पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल, मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल, थिन -फिल्म सोलर पैनल, हाफ कट मोनो परक सोलर पैनल और बाइफेशियल सोलर पैनल।
Q. सबसे अच्छा सोलर पैनल कौन सा होता है?
Ans.मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल सबसे अच्छा सोलर पैनल होता है।
Q. पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल कितने समय तक चलते हैं?
Ans.पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल औसत 20-35 वर्ष तक चल सकते हैं।
Q.सोलर पैनल का औसत आयु कितना होता है?
Ans.सोलर पैनल का औसत आयु 25 वर्ष होता है।